One of the common phrases heard in the school setting is “the child just can’t sit at one place!” or “the child doesn’t follow my instructions.”
Such traits of hyperactivity and inattentiveness are seen in high-energy children who are better known as children with ADHD (Attention-Deficit Hyperactivity Disorder). The condition is often seen as a curse by the parents and teachers.
However, what most of us don’t know is that these high-energy children possess a range of unique strengths and abilities.
Hyperfocus :
A contradictory symptom, hyperfocus means to attend intensely to a particular task or activity for an extended time period. High-energy children who exhibit hyperfocus often turn out to be very successful as they are able to focus on a particular task for hours!
Zestfulness :
With their oodles of energy and never say never attitude, these children often live life on the edge. They are not afraid to move out of their comfort zone. Consequently, they continue to strive and overcome challenges with ease.
These high-energy individuals possess a number of such unique abilities. Only when we try to develop an in-depth understanding of these children, we can help them substantially.
WORKING WITH HIGH-ENERGY CHILDREN
SECRET #1 : ROUTINE : Something they hate, but need the most
High-energy children need to know in very clear terms what is expected out of them. Their day’s routine needs to be broken down into small simple steps. Such structure needs to be practiced with the child so that they know what is coming next. Visual aids like charts with the simple drawings of steps (#1 study, #2 play time, #3 drink milk) can be used to inculcate this habit in the child.
SECRET #2 : CHUNKING : Break down tasks / instructions
Due to working memory deficits, high-energy children often find it difficult to process large amount of information at a time. Therefore, it is important to break down a complex task or detailed instruction into small manageable chunks so that the child can easily understand and follow.
For example, instead of providing a detailed instruction of clearing the clutter in the bedroom, give specific instructions like #1 fold the clothes #2 arrange books on the shelf #3 collect toys in the toy box.
SECRET #3 : REWARDS : Immediate, Incremental and Achievable
For a feedback to have an impact on a high-energy child, it needs to be immediately provided after the behavior occurs. This helps the child to understand the relation between his behavior and its consequences.
Providing the child with a simple reward like praise keeps him motivated. Another way to reward the child is by practicing token economy.When a child shows a positive behavior, e.g. finishes his meal, he gets a token that he collects in a jar. The child can exchange these tokens for a reward. For instance, extra 10 minutes of his favourite activity can be earned in exchange of one token while a large reward like an outing to a favourite place would be worth 10 tokens.
If a task at hand requires large amount of efforts from child, then it must be broken down into small measurable steps. For instance, if you wish to encourage your child to improve his grades, then for every night he studies for an hour, he can earn a small reward of his favourite fun activity.
The increased frequency of rewards will give more opportunities to the child to experience success and this in turn will enhance his self-esteem. If these children have a choice between choosing a small reward for small effort or a big reward for greater effort, they are more likely to choose the former.
A good understanding of the condition will help in planning impactful practical strategies which in turn will create better outcomes for such high-energy children and their families.
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Article in Hindi
अतिसक्रिय बच्चों पर नियंत्रण कैसे किया जाए
एक बहुत ही सामान्य वाक्यांश, जो कि विद्यालयों में सुना जाता है – वह है ‘वो बच्चा एक जगह पर बैठ ही नहीं सकता’, या फिर ‘वह विद्यार्थी मेरे आदेश का पालन ही नहीं करता’ |
इस प्रकार के लक्षण अधिकतम ऐसे अतिसक्रिय या उच्च ऊर्जा वाले बच्चों में पाया जाता है, जिनको और बेहतर तरीके से जानने के लिए उनकी मानसिक विकास और दीर्घकालीन स्थिति को परखने की आवश्यकता है, इससे लाखों बच्चें प्रभावित हो रहे हैं | जिसे अधिकतम शिक्षक और बच्चे के माता – पिता ज़्यादा गंभीरता से लेते है |
यद्यपि जो चीज़ हम इन बच्चों के विषय में जानते ही नहीं है वह यह है कि इन बच्चों में छिपी हुई असाधारण क्षमता और शक्ति |
अति – ध्यान देने योग्य बातें
एक विरोधाभास लक्षण यह भी है कि इस प्रकार के बच्चे में किसी एक कार्य को एक लम्बे समय के लिए एकाग्रता से करने की क्षमता होती है| यह लक्षण आगे चलकर बच्चे को अधिकतम सफलता भी देते है क्योंकि उनका सारा ध्यान अपने एक मात्र लक्ष्य पर ही होता है |
अधिक ऊर्जा होना
इस प्रकार के लक्षण वाले बच्चे अति उत्तेजना से भरपूर होते है | जो किसी भी कार्य को करने के लिए तैयार रहते है| ऐसे बच्चे अपने अति सुविधाजनक क्षेत्र से बाहर निकलने में ज़रा – सा भी विलम्ब नहीं करते| इतना ही नहीं वे किसी भी प्रकार के चुनौती को स्वीकार करने के लिए तत्पर रहते हैं |
ऐसे अधिक ऊर्जावान बच्चे में कुछ ख़ास गुण होते है जिससे वे हमेशा अलग दिखते है | हमें अपने नम्र प्रयास से ऐसे ऊर्जावान बच्चे की सुषुप्त शक्तिओं को विकासशील मार्ग से जोड़ना है |
कार्य – शैली
सोपान – १ : दैनिक कार्य-शैली
अधिकांश अति ऊर्जावान बच्चे अपने दैनिक कार्य को पसंद नहीं करते परन्तु वे अच्छी तरह से जानते है कि हमारी उनसे क्या अपेक्षाएँ है| इस परिस्थिति में हमारा कार्य यह होता है कि हमें उनकी दैनिक क्रियाएँ को छोटे – छोटे कार्यों में विभाजित किया जाए ताकि उन्हें ज्ञात हो कि आगे उन्हें क्या करना है| जैसे – पढ़ना,खेलनाऔर खाना – पीना आदि |
सोपान – २ : कार्य-विभाजन
स्मरण – क्षमता की कमी के कारण अति सक्रिय बच्चे एक ही बार में अधिक जानकारी नहीं ले सकता इसलिए यह अतिआवश्यक है कि सारे कार्य को छोटे – छोटे हिस्सों में बाँट कर क्रमशः बच्चे को दिया जाए ताकि बच्चे उस कार्य को समझ सकें| उदाहरण – किसी कमरे की सफाई करने की बजाय पहले कपड़े सही जगह पर रखना, खिलौनों को सही जगह पर रखना, किताबों को उसके सही स्थान पर रखना इत्यादि|
सोपान – ३ : पुरस्कार – तुरंत, वृद्धिशील, प्राप्तीय
एक साधारण – सा पुरस्कार भी बच्चों को उसके कार्यों को करने में उत्सुकता प्रदान करती है | बच्चों को उनके कार्यों को पूरा करने की खुशी में उसे “टोकन इकॉनमी” जैसे छोटे से पुरस्कार भी दे सकते है | जैसे – यदि बच्चे का व्यवहार बहुत अच्छा है तो उसे एक टोकन मिलेगा पुरस्कार के तौर पर| इस तरह से वह एक के बाद एक टोकन अपने पास जमा करता जाएगा, जिसका उपयोग वह अपने मनपसंद कार्य को करने में कर सकता है| यदि एक कार्य को करने के लिए उसे काफ़ी मेहनत की ज़रूरत है तो उसे छोटे – छोटे सोपानों में बाँट कर ही करवाना बेहतर होगा | उदाहरण – यदि आप बालक को पढ़ाई में अधिक अंक लाने के लिए प्रेरित करना चाहते हो तो बालक को प्रतिदिन एक घंटा पढ़ने की शिक्षा देनी होगी |
इस तरीके से वह छोटे – छोटे पुरस्कार भी पा सकता है | यदि इस प्रकार की गतिविधियों के लिए पुरस्कार की संख्या बढ़ा दी जाए तो बच्चे को अधिक सफलता मिल सकती है जो आगे चल कर आत्म – सम्मान में परिवर्तित हो जाती है|
एक परिस्थिति की बेहतर समझ ही एक सफल योजना बनाने का अवसर देगा, तभी उच्च ऊर्जा वाले बच्चे व उनके परिवार दोनों के लिए सकारात्मक परिणाम होगा |